Reiki and Astrology Predictions

Full Version: Learn Reiki
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Steps of learning Reiki healing:


Reiki Healing First Degree: In learning first degree in beginning person has to do self-healing. Then by touch, to relatives, friends and other close people he/she can give healing to them.

Reiki Healing Second Degree or Distance Healing: In Second Degree a person can give Reiki to another person present in same city or any other country for his / her intention and purpose. This is called remote reiki healing or distance healing.

Reiki Third Degree: The third degree is divided into two parts (III A and III B). In the III A, it is Reiki Healing Advance Level and in the III B, taught how to give a Reiki degree to others. While giving a Reiki degree, the master performs the process of “Shaktipat”, which is called attunement.

Reiki healing is voluntarily taken or given. It cannot be used to influence someone or harm others; it is only affirmative and positive energy. The effect of Reiki healing is so deep that even the old  memories and past incidence hidden in the subconscious mind can be healed. Many times Reiki in the mind or body goes to the place where it is needed and helps in curing the disease from its roots. Many times, even without telling the patient, Reiki goes to different parts of the body, where it found that there is a lack of energy in those organs and those organs are sick, that’s why those organs also receiving energy automatically. We can also call it kind of scanning. Reiki healing does not have any side effect; any person can only be benefited by this. Reiki is usually taken 3 to 7 days. In chronic major problems, 21 days or more also can be taken. Daily or regular practice of Reiki energy healing gives favorable results in all our physical mental spiritual advancement, social behavior, relationship and economic progress.

रेकी हीलिंग सीखने के चरण:

रेकी हीलिंग प्रथम डिग्री: प्रथम डिग्री सीखने के बाद सर्वप्रथम स्वयं को हीलिंग दी जाती है उसके बाद अपने रिश्तेदारों दोस्तों और अन्य करीबी लोगों को स्पर्श द्वारा हीलिंग दी जाती है.

रेकी हीलिंग द्वितीय डिग्री या डिस्टेंस हीलिंग : द्वितीय डिग्री में व्यक्ति एक स्थान, शहर से अन्य किसी स्थान या शहर में उपस्थित व्यक्ति को उसके मांगे गए उद्देश्य के लिये रेकी दे सकता है. इसे दूरस्थ रेकी हीलिंग या डिस्टेंस हीलिंग कहते हैं.

रेकी तृतीय डिग्री: तृतीय डिग्री को दो भागों (तृतीय A और तृतीय B) में विभाजित किया गया है. तृतीय A में रेकी हीलिंग एडवांस लेवल और तृतीय B में अन्य लोगों को रेकी डिग्री किस प्रकार दी जाती है यह सिखाया जाता है.
रेकी डिग्री देते समय मास्टर शक्तिपात की प्रकिया करते हैं जिसे attunement अट्यूनमेंट कहते हैं.
 
रेकी हीलिंग स्वेच्छा से ही ली या दी जाती है. किसी को प्रभावित करने या दूसरे का नुकसान करने के लिये इसका उपयोग नहीं किया जा सकता ये केवल धनात्मक एवं सकारात्मक उर्जा है. रेकी हीलिंग का प्रभाव इतना गहरा होता है कि अवचेतन मन में छिपी पुरानी घटनाओं और विचारों की भी हीलिंग होती है. कई बार मन या शरीर में रेकी बिना मांगे उस स्थान पर जाती है जहाँ उसकी आवश्यकता होती है और बीमारी को जड़ से ठीक करने में मदद मिलती है. कई बार पेशेंट के बिना बताये भी रेकी शरीर के भिन्न अंगों में जाती है तो पता चलता है की उन अंगों में भी उर्जा का अभाव है एवं वो अंग बीमारीग्रस्त हैं इसे हम एक प्रकार की स्कैनिंग भी कह सकते हैं. रेकी हीलिंग का कोई साइड इफ़ेक्ट नहीं होता इससे केवल किसी भी व्वाक्ति का भला किया जा सकता है. सामान्यत: रेकी 3 से 7 दिन ली जाती है. क्रोनिक या पुरानी बड़ी समस्याओं में 21 दिन या अधिक भी ली जाती है. रेकी उर्जा का दैनिक या नियमित अभ्यास हमारे शारीरिक मानसिक आत्मिक उन्नति सामाजिक व्यवहार आर्थिक उन्नति सभी में अनुकूल परिणाम देता है.

You can learn with us:

Reiki I degree
Reiki II degree
Reiki III degree (A)
Reiki III degree (B)

Crystal healing

Karuna Reiki

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